Sunday, December 14, 2014

"ईद मुबारक" (07.11.2011)

आज "ईदुज़्जुहा" अर्थात बक़रीद (या बोलचाल की भाषा में कहें तो 'बकरा-ईद') है. सभी जानते हैं कि 'पवित्र क़ुरआन' में वर्णित ईश्वरीय वचनानुसार इसे 'क़ुर्बानी के दिवस' के रूप में  मुसलमानों के द्वारा मनाया जाता है.
मेरी जिज्ञासा यह है कि यह दिवस किसी भी रूप में यहूदियों और ईसाइयों के द्वारा क्यों नहीं मनाया जाता जबकि हज़रत अब्राहम (इब्राहिम) के ईश्...वर में अटूट विश्वास व उनके द्वारा ईश्वरीय आज्ञा के पालन की कथा (कुछ प्रकारान्तर के साथ) 'पवित्र बाइबिल' के ओल्ड-टेस्टामेंट में भी है जो कि यहूदियों और ईसाइयों का 'आधार-ग्रंथ' है....!!..........जिन्हें मालूम हो, कृपया बताएँ.....साथ ही हो सके तो यह भी बताएँ कि – “क़ुर्बानी से सम्बंधित ईश्वरीय आदेश व मोमिनों की आस्था के पालन में क्या पशु-बलि की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया गया है ?”.................(मैंने सिर्फ़ जिज्ञास-वश ये बातें पूछी हैं....किसी धार्मिक-आस्था को शंका की दृष्टि से देखने या ठेस पहुँचाने का आशय नहीं है).

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