एक तरफ़ तो ख़बर यह है कि आगरा में धर्म-परिवर्तन हुआ ही नहीं, और दूसरी तरफ़ धर्म-परिवर्तन का विरोध भी हो रहा है !.....यह क्या बात हुई ? जब कुछ हुआ ही नहीं तो विरोध किस बात का ?
अगर ड्रामेबाज़ी का विरोध हो रहा है, तो विरोध के तरीक़े से बहुसंख्यक समाज को यह मैसेज भी जा रहा है कि सिर्फ़ हिन्दुत्व की तरफ़ convert होने पर ही हल्ला मचता है ।
-यानि, ग़ैर-हिन्दुओं सहित बाक़ी सभी के 'सेक्युलरिज़्म' को कटघरे में लाने की 'संघ-परिवार' की मुहिम बहुत कुछ हद तक सफल कही जा सकती है ।
(ध्रुवीकरण के लिए फ़िलहाल इतना काफ़ी है)
अगर ड्रामेबाज़ी का विरोध हो रहा है, तो विरोध के तरीक़े से बहुसंख्यक समाज को यह मैसेज भी जा रहा है कि सिर्फ़ हिन्दुत्व की तरफ़ convert होने पर ही हल्ला मचता है ।
-यानि, ग़ैर-हिन्दुओं सहित बाक़ी सभी के 'सेक्युलरिज़्म' को कटघरे में लाने की 'संघ-परिवार' की मुहिम बहुत कुछ हद तक सफल कही जा सकती है ।
(ध्रुवीकरण के लिए फ़िलहाल इतना काफ़ी है)
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